आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने विभिन्न बीमारियों और बीमारियों के उपचार के लिए कई औषधीय तैयारी और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का विकास किया। आयुर्वेदिक उपचार का आधार जीवन के पाँच तत्वों से संचालित किया गया है – वायु, अग्नि, जल, अंतरिक्ष और पृथ्वी और आयुर्वेद का अर्थ है “जीवन का ज्ञान“।
जैसे जैसे यह दुनिया और हम मॉडर्न हो रहे है वैसे वैसे हमारी जीवनशैली भी बदलती जा रही है जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी कुछ बदलाव आ रहा है सबसे बड़ा असर तो हमारे स्वास्थ पर पड़ रहा है। उच्च-तनाव, उच्च रक्तचाप, शुगर आदि इसका सबसे प्रमुख कारण है जिसने बहुत बड़ी संख्या में लोगो को प्रभावित कर रखा है। अब तो इसे एक रोग मान लिया गया है। इस तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार को सबसे अच्छे उपचारों में से एक माना जा सकता है।
भारत इन बीमारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है, जिसके लिए एक समर्पित आयुर्वेदिक डॉक्टरों की बड़ी और कुशल टीम की आवश्यकता होगी। इसलिए आज की युवा पीढ़ी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में अपना करियर बनाने के लिए एक अच्छी गुंजाइश है कि वे न केवल अच्छा भविष्य बनाये, बल्कि समाज में उच्च सम्मान भी प्राप्त करें।
आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए योग्यता :
आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स में एडमिशन लेना होता है। BAMS पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने के लिए मुख्य विषयों के रूप में physics, chemistry और biology (PCB) के साथ 10 + 2 कक्षा पास होना चाहिए और कम से कम 50% मार्क्स होना जरुरी है। विज्ञान में ग्रेजुएट भी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) लंबे समय से मानवता का इलाज करते हुए, आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी में प्रारंभिक डिग्री है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी (BAMS) आयुर्वेदिक प्रणाली में ग्रेजुएशन की डिग्री का पाठ्यक्रम है। एडमिशन लेने के 5 साल और 6 महीने के बाद डिग्री प्रोग्राम के पूरा होने के बाद यह आपको मिल जाती है जिसमें 4 और 1/2 साल का theoretical सेशन और लाइव प्रैक्टिकल के साथ एक साल का इंटर्नशिप प्रोग्राम भी होता है।
under graduate डिग्री कोर्स को 1.5 साल के तीन groups में बांटा गया है। इन वर्गों को professional पाठ्यक्रम कहा जाता है। पहले professional course में छात्रों को शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान और आयुर्वेदिक प्रणाली के इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है। दूसरे कोर्स में उन्हें टॉक्सिकोलॉजी और फ़ार्माकोलॉजी के बारे में पढ़ाया जाता है और अंतिम कोर्स में सर्जरी, ईएनटी, त्वचा, प्रसूति और स्त्री रोग शामिल हैं।
फीस और अन्य व्यय:
कॉलेज से कॉलेज में फीस में differece होता है, BAMS डिग्री के लिए कुल कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में कुछ हजारों से लेकर लगभग 5 लाख रुपये तक होती है।
- OJEE 2020 (ओडिशा संयुक्त प्रवेश परीक्षा)
- KEAM 2020 (केरल इंजीनियरिंग, कृषि और चिकित्सा)
- GCET 2020 (गोवा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
- BVP CET 2020 (भारती विद्यापीठ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
- IPU CET 2020 (इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
उम्मीदवार का चयन अंतिम योग्यता के आधार पर होता है।
- पद्र्थ विघ्न
- शरीर रचना
- शरीर क्रिया
- Swasth Vritta
- रस शास्त्र
- अगद तंत्र
- रोग और विक्री विज्ञान
- चरक संहिता
- प्रसूति और स्ट्राइक रोगा
- कौमार भृत्य
- Kayachikitsa
- शाल्या तंत्र
- शालक्य तंत्र
- चरक संहिता
आयुर्वेद सिर्फ भारत में ही ना रहकर भारत के बहार भी बहुत लोकप्रिय हो चूका है। भारत के बहाए से दूर देशो से लोग भारत आते है और आयुर्वेद की शिक्षा लेते है।आयुर्वेदिक का दायरा अब न केवल भारत में बल्कि दुनिया में अन्य चिकित्सा प्रणाली के लिए अतिव्यापी हो चुका है। कई मामलों में लोगों ने पुराने और ऐसे रोग जिनका उपचार संभव नहीं है, ऐसे रोग के लिए आयुर्वेदिक प्रणाली और दवाओं को भरोसेमंद माना है।
कई मामलों में, एलोपैथिक दवाइयां एक विशेष बीमारी का इलाज करने में जब असफल विफल हो जाती है और रोग का इलाज असंभव बता देती है तब तो आयुर्वेदिक दवा बीमारी या रोगी को फिर से जीवित करने के लिए जादुई प्रभाव डालती है।
BAMS के पूरा होने के बाद कैरियर का अवसर केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। कई organizations विदेशों में अनुसंधान क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इस क्षेत्र में professionals की आवश्यकता होती है।
BAMH (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री रखने वाले उम्मीदवार डॉक्टर के रूप में अप्लाई कर सकता है ऐसी जगहों पर और एक अच्छी practise के माध्यम से अपना बढ़िया करियर के साथ साथ famous भी बन सकता है।
आयुर्वेद में सरकारी क्षेत्र में भी नौकरी के अच्छे अवसर मौजूद हैं। एक आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट के रूप में सरकारी आयुर्वेद अस्पताल में नौकरी मिल सकती है। इस कोर्स के पूरा होने के बाद, उम्मीदवारों के पास आयुर्वेद दवाओं की अपनी खुद की दुकान खोलने का भी अवसर है।
बीएएमएस graduates के लिए शिक्षण क्षेत्र भी खुला है। वे private और government आयुर्वेद संस्थानों में रोजगार पा सकते हैं।
आयुर्वेदिक डॉक्टर की सैलरी:
एक योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर की योग्यता के आधार पर 20,000 से रु 25,000 के बीच कहीं भी शुरुआती वेतन की उम्मीद कर सकते है। जैसे जैसे आपकी प्रक्टिसे बढ़ती जाएगी आपका वेतन भी बढ़ता जाता है। निजी प्रैक्टिस में भी बहुत पैसा है। अगर आप अच्छे से इलाज़ करते है तो आप की प्रसिद्धि अपने आप ही बढ़ती जाती है। एक कुशल और योग्य चिकित्सक से इलाज़ के लिए लोग दूर दूर से आते है।
कुछ साल समर्पित काम और मास्टर डिग्री के साथ कुछ अनुभव डॉक्टर को एक बड़े वेतन पैकेज की ओर ले जा सकते हैं। एक सक्षम और सक्षम डॉक्टर की कमाई के लिए कोई ऊपरी छत नहीं है। काफी अस्पतालों में एक visiting डॉक्टर भी होते है और जो घंटे के हिसाब से चार्ज करते है।
- क्लिनिकल परीक्षण
- स्वास्थ्य सेवा समुदाय
- जीवन विज्ञान उद्योग (Life science industries)
- औषधि उद्योग
- शिक्षा
- हेल्थकेयर आईटी
- बीमा
- ड्यूटी डॉक्टर पर
- नर्सिंग होम
- स्पा रिसोर्ट
- आयुर्वेदिक सहारा
- पंचकर्म आश्रम
- सरकारी / निजी अस्पताल
- औषधालयों
- कॉलेजों
- अनुसन्धान संस्थान